
अलीगढ़। बहुजन समाज पार्टी, जनपद अलीगढ़ द्वारा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय के अग्रदूत जननायक कर्पूरी ठाकुर की 97वीं जयंती कैलाश अपार्टमेंट स्थित बसपा कार्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में बसपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जननायक के आदर्शों को अपनाने और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
आगरा-अलीगढ़ मंडल प्रभारी सूरज सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा,
“जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन में समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए संघर्ष किया। उनका समर्पण और विचार बहुजन समाज पार्टी के सिद्धांतों के लिए प्रेरणा हैं। उनका समाजवादी दृष्टिकोण और ईमानदारी आज भी हमारे लिए आदर्श हैं।”
जिलाध्यक्ष सुरेश गौतम एडवोकेट ने इस अवसर पर कहा,
“जननायक कर्पूरी ठाकुर केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि समाज के लिए एक ऐसी क्रांति के प्रतीक थे, जिसने वंचित और दलित समाज को उनकी गरिमा और अधिकारों के लिए जागरूक किया। उनकी सोच और विचार इतने सशक्त थे कि उन्होंने सत्ता में रहकर भी नैतिक मूल्यों और ईमानदारी को सर्वोपरि रखा। कर्पूरी ठाकुर जी ने समाज में समता, स्वतंत्रता और बंधुता की स्थापना के लिए न केवल संघर्ष किया, बल्कि उसे अपने कार्यों से प्रमाणित भी किया।”
उन्होंने आगे कहा,
“बहुजन समाज पार्टी उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए समाज में समता और न्याय की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। कर्पूरी ठाकुर जी ने जो विचारधारा हमें सौंपी, वह केवल राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि हर इंसान के जीवन को बेहतर बनाने की प्रेरणा देती है। आज उनकी जयंती के अवसर पर हम यह संकल्प लेते हैं कि उनके द्वारा शुरू किए गए सामाजिक न्याय और समानता के आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे।”
कार्यक्रम के दौरान सभी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी:
विजेन्द्र सिंह विक्रम (अलीगढ़ मंडल प्रभारी), अशोक सिंह एडवोकेट, रणवीर सिंह कश्यप, मुकेश चंद्रा, गजराज सिंह विमल, हरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ नेता हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय, के पी सिंह एडवोकेट, बृजेश उपाध्याय, राजकुमार गौतम, विशाखा गौतमी, बनवारी लाल सविता, शेष कुमार शर्मा, वीरेन्द्र अरोड़ा सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में समानता, स्वतंत्रता और बंधुता की स्थापना के लिए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।